Supreme court: ने 15 अप्रैल को प्रयागराज में लोकसभा के पूर्व सदस्य अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में हुई हत्या पर उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है और कहा है कि इसमें ‘किसी की मिलीभगत है’.
न्यायालय ने राज्य सरकार से 2017 के बाद से हुई 183 ‘पुलिस मुठभेड़’ पर स्थिति रिपोर्ट भी मांगी है. राज्य पुलिस के अनुसार, मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार के सत्ता संभालने के बाद से कई पुलिस मुठभेड़ में 183 लोग मारे गए हैं.
Supreme court: अतीक अहमद (60) और अशरफ की मीडियाकर्मी बनकर आए तीन लोगों ने नजदीक
से गोली मारकर हत्या कर दी थी. यह हत्या उस वक्त की गई थी जब दोनों को पुलिस की सुरक्षा में स्वास्थ्य जांच के लिए प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज ले जाया जा रहा था.
सुप्रीम कोर्ट ने तिवारी की याचिका पर 28 अप्रैल को उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा था कि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को प्रयागराज में पुलिस हिरासत में चिकित्सा जांच के लिए अस्पताल ले जाते वक्त मीडिया के समक्ष उनकी परेड क्यों करायी गई?
त्तर प्रदेश की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया था कि राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है. वकील ने कहा था कि उत्तर प्रदेश पुलिस का एक विशेष जांच दल (SIT) भी मामले की जांच कर रहा है.
यह भी पढ़ें:-
Asian champions trophy hockey: टीम इंडिया ने मलेशिया को चौथी बार हरा कर जीती ट्राफी रचा इतिहास