Chandrayaan3: महज 25 किलोमीटर दूर लैंडर विक्रम, भारत ने रच दिया इतिहास

Chandrayaan3: मिशन ने सफलतापूर्वक अंतिम डीबूस्टिंग चरण पूरा कर लिया है। जिसके बाद चंद्रयान-3 की चांद की सतह से दूरी महज 25 किलोमीटर रह गई है। इसरो ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। इसरो ने बताया कि अब लैंडर मॉड्यूल की आंतरिक जांच की जाएगी और चांद पर उतरने की तय साइट पर अब बस सूरज के निकलने का इंतजार किया जा रहा है। चांद की सतह पर चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के साथ ही इसरो इतिहास रच देगा। अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।

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Chandrayaan3: इसरो चेयरमैन ने बताया कि चंद्रयान के लैंडर मॉड्यूल को चांद पर लैंड कराने में सबसे बड़ी चुनौती उसे लैंडिंग से पहले मोड़ना है। उन्होंने बताया कि जब लैंडर चांद की सतह पर लैंड करने के लिए उतरेगा तो वह क्षैतिज अवस्था में होगा लेकिन उसे लैंडिंग से पहले 90 डिग्री सेल्सियस पर मोड़कर लंबवत करना होगा।

पिछले हफ़्ते लॉन्च हुए रूसी मिशन ‘लूना-25’ के यहां एक या दो दिन पहले लैंड करने की उम्मीद है. साल 1976 या कहें पांच दशक के लंबे अंतराल के बाद लॉन्च किए गए अपने पहले चंद्रमा मिशन में अगर रूसी अंतरिक्ष यान सफल होता है और आने वाली 21 या 22 अगस्त को सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंड कर जाता है, तो चंद्रयान-3 को दूसरे स्थान से ही संतोष करना पड़ेगा.

इसरो ने बताया कि लैंडर मॉड्यूल 23 अगस्त 2023 को शाम करीब 5.45 बजे चांद की सतह पर उतर सकता है।

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