Uniform civil code समान नागरिक संहिता क्या है कुछ लोग कर रहे हैं समर्थन तो कुछ कर रहे हैं विरोध।

 

Uniform civil code बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने समान नागरिक संहिता पर टिप्पणी की थी इसके बाद देश में सियासी घमासान शुरू हो गया

Uniform civil code  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा था कि भारत 2 कानूनों पर नहीं चल सकता भारत के संविधान में नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है इसलिए समान नागरिक संहिता लागू करना आवश्यक है।

Uniform civil code  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि एक घर में 1 सदस्य के लिए एक कानून और दूसरे के लिए दूसरा तो घर चल नहीं पाएगा इसलिए दोनों के लिए समान कानून होना आवश्यक है इसी पर कुछ लोग जनता को भड़काने का काम कर रहे हैं।

विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाया है कि कई राज्यों में चुनाव नजदीक आने पर राजनीतिक लाभ के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा उठाया है

Uniform civil codeकांग्रेस का आरोप है कि पीएम मोदी महंगाई बेरोजगारी और मणिपुर जल रहा है उस पर से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं इसीलिए यूनिफॉर्म सिविल कोड पर इस समय बात कर रहे हैं।

30 से अधिक आदिवासी संगठनों ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट का विरोध जताया है उनका कहना है कि उनके प्रथा गत कानून कमजोर हो जाएंगे सिविल कोड के आने पर।

Uniform civil code  नेपाल सिविल कोर्ट का मतलब होता है भारत के अंदर रहने वाले सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून होना चाहिए चाहे वह किसी भी धर्म का क्यों ना हो

हर धर्म हर जाति हर लिंग के लिए एक ऐसा कानून जहां पर विवाह तलाक बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे विषयों में एक समान कानून लागू होंगे किसी का कोई पर्सनल कानून नहीं लागू होगा।

Uniform civil code  यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार अपने फैसलों में समान नागरिक संहिता लागू करने को कहा है 1985 में शाहबानो के मामले में फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था

संसद को एक ऐसा कानून बनाना चाहिए। जिससे देश के अंदर रहने वाले सभी नागरिकों को समान रूप से न्याय मिल सके किसी के साथ कोई भेदभाव ना हो

सभी नागरिकों के लिए एक जैसा कानून क्योंकि यह एक ऐसा साधन है जैसे कानून के समक्ष समान सद्भाव और समानता की सुविधा देता है इसलिए यूनिफॉर्म सिविल कोड को संसद को कानून बनाकर लागू करना चाहिए।

समान नागरिक संहिता लागू होते ही हिंदू में बौद्ध सीखो और जैनियों समय मुसलमानों और ईसाइयों पार्टियों को लेकर सभी वर्तमान कानून व्यस्त हो जाएंगे।

Uniform civil code  अगर समान नागरिक संहिता लागू होती है तो देश भर में सभी धर्मों के लिए विवाह तलाक बच्चा गोद लेने और संपत्ति के बंटवारे जैसे विषयों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसा नियम होगा ‌

समान नागरिक संहिता पर विरोध करने वालों का कहना

Uniform civil code  विरोध करने वालों का कहना है कि समान नागरिक संहिता लागू होने से सभी धर्मों के लिए समान कानून के साथ धर्म की स्वतंत्रता जोकि हमारा मूल अधिकार है और समानता के अधिकार के बीच संतुलन बनाना मुश्किल होगा

इसके चलते धर्म या जाति के आधार पर कई व्यक्तिगत कानून भी संकट में आ जाएंगे।

 

 

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